दिल्ली में फिर सूख जाएंगे कई पार्कों में लगे दरख्त, ये है बड़ी वजह
सरकार एक ओर दिल्ली को हराभरा बनाने के लिए कई प्रयास कर रही है, वहीं, उत्तरी दिल्ली के कई पार्कों से सबमर्सिबल पंप हटाए जाने के कारण पेड़ों और हरियाली की सिंचाई का संकट पैदा हो सकता है।
इन पार्कों में लगे पौधों को बचाने के लिए कई पार्षदों ने सबमर्सिबल पंप हटाए जाने से पहले पानी की वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की है। इस मुद्दे को लेकर पार्षदों ने दिल्ली सरकार पर पार्कों में एसटीपी के जरिये पानी नहीं पहुंचाने का आरोप लगाया है।
उत्तरी-दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति की सदस्य वीना विरमानी ने आरोप लगाया है कि उनके क्षेत्र रमेश नगर स्थित पार्क से एसडीएम की कार्रवाई के दौरान सबमर्सिबल पंप को बंद कर दिया गया। अब पार्क में पौधों और हरियाली की सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने मंगलवार को हुई स्थायी समिति के बैठक में इस मुद्दे पर गंभीरता से अपना पक्ष रखा।
उनका आरोप है कि एनजीटी ने गिरते भूमिगत जलस्तर की समस्या को लेकर यह आदेश दिया था कि दिल्ली सरकार पार्कों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के जरिये पौधों और हरियाली की सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था करवाने के बाद पार्कों में लगे सबमर्सिबल पंप को बंद कर दे। उन्होंने बताया कि फिलहाल सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के पांच किमी के दायरे में आने वाले पार्कों से सबमर्सिबल पंप हटाने पर एसडीएम द्वारा कार्रवाई की जा रही है।
इन पार्कों में लगे पौधों को बचाने के लिए कई पार्षदों ने सबमर्सिबल पंप हटाए जाने से पहले पानी की वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की है। इस मुद्दे को लेकर पार्षदों ने दिल्ली सरकार पर पार्कों में एसटीपी के जरिये पानी नहीं पहुंचाने का आरोप लगाया है।
उत्तरी-दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति की सदस्य वीना विरमानी ने आरोप लगाया है कि उनके क्षेत्र रमेश नगर स्थित पार्क से एसडीएम की कार्रवाई के दौरान सबमर्सिबल पंप को बंद कर दिया गया। अब पार्क में पौधों और हरियाली की सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने मंगलवार को हुई स्थायी समिति के बैठक में इस मुद्दे पर गंभीरता से अपना पक्ष रखा।
उनका आरोप है कि एनजीटी ने गिरते भूमिगत जलस्तर की समस्या को लेकर यह आदेश दिया था कि दिल्ली सरकार पार्कों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के जरिये पौधों और हरियाली की सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था करवाने के बाद पार्कों में लगे सबमर्सिबल पंप को बंद कर दे। उन्होंने बताया कि फिलहाल सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के पांच किमी के दायरे में आने वाले पार्कों से सबमर्सिबल पंप हटाने पर एसडीएम द्वारा कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा कि उत्तरी दिल्ली में उद्यान विभाग के कुल 6095 पार्क हैं और इनमें से 1791 पार्कों में ट्यूबवेल लगे हुए हैं। एनजीटी के आदेशानुसार 31 दिसंबर 2019 तक उत्तरी दिल्ली के तहत आने वाले 92 एकड़ में बने 401 पार्कों में लगे 99 सबमर्सिबल को बंद करना था, लेकिन यह कार्रवाई अभी जारी है।
फिलहाल करीब 10 सबमर्सिबल बंद कर दिए गए हैं और अन्य को भी जल्द बंद करने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि पार्कों में अगर पेड़ पौधों के लिए पानी की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होती तो दिल्ली को हराभरा बनाने का सपना अधूरा रह जाएगा और कड़ी मेहनत से संजोए गए पेड़ पौधे सूख जाएंगे।
इस कार्रवाई के तहत करोलबाग क्षेत्र के पार्कों से 10, सिविल लाईन से 21, केशवपुरम से 17, शहरी सदर पहाडग़ंज से 09, रोहिणी से 21 और नरेला से 21 समससिबल बंद किए जाने हैं। इस मुद्दे को लेकर अन्य पार्षदों ने भी विरोध शुरू कर दिया है।
उद्यान विभाग से दिल्ली जल बोर्ड ने मांगे
इस मुद्दे को लेकर उद्यान विभाग ने पार्षद को जवाब दिया कि एसटीपी से पार्कों तक पानी पहुंचाने के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने 195 करोड़ रुपये की मांग की है। इस पैसे से दिल्ली जल बोर्ड पार्कों एसटीपी और पार्क के बीच में पाइप लाइन डालकर पानी पहुंचाएगा, लेकिन दिल्ली जल बोर्ड के इस प्रस्ताव को निगम ने मानने से इंकार कर दिया। फिलहाल निगम किराए पर अतिरिक्त 16 टैंकर लेकर पार्कों में पानी की व्यवस्था करने की बात कह रहा है।
फिलहाल करीब 10 सबमर्सिबल बंद कर दिए गए हैं और अन्य को भी जल्द बंद करने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि पार्कों में अगर पेड़ पौधों के लिए पानी की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होती तो दिल्ली को हराभरा बनाने का सपना अधूरा रह जाएगा और कड़ी मेहनत से संजोए गए पेड़ पौधे सूख जाएंगे।
इस कार्रवाई के तहत करोलबाग क्षेत्र के पार्कों से 10, सिविल लाईन से 21, केशवपुरम से 17, शहरी सदर पहाडग़ंज से 09, रोहिणी से 21 और नरेला से 21 समससिबल बंद किए जाने हैं। इस मुद्दे को लेकर अन्य पार्षदों ने भी विरोध शुरू कर दिया है।
उद्यान विभाग से दिल्ली जल बोर्ड ने मांगे
इस मुद्दे को लेकर उद्यान विभाग ने पार्षद को जवाब दिया कि एसटीपी से पार्कों तक पानी पहुंचाने के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने 195 करोड़ रुपये की मांग की है। इस पैसे से दिल्ली जल बोर्ड पार्कों एसटीपी और पार्क के बीच में पाइप लाइन डालकर पानी पहुंचाएगा, लेकिन दिल्ली जल बोर्ड के इस प्रस्ताव को निगम ने मानने से इंकार कर दिया। फिलहाल निगम किराए पर अतिरिक्त 16 टैंकर लेकर पार्कों में पानी की व्यवस्था करने की बात कह रहा है।